कीट |
मेलेनाग्रोमाईज़ा सोजे |
 |
प्रचलित नाम |
तना मक्खी
|
क्षति |
- यह फोटो सोयाबीन की तना
मक्खी की है।
- सोयाबीन का प्रमुख कीट
है और 20-30 प्रतिशत तक हानि पहुंचाता है।
- यह कीट पत्तों पर अंडे
देता है।
- अंडे से मेंगट निकलने
पर वह सबसे निकटतम कोशिका को छेदती है।
- मेंगट उसके बाद तने को
छेदती है।
- यदि संक्रमित तने को
खोला जाए तो उसमें टेढ़ी-मेढ़ी लाल सुंरगे, मेंगट, प्यूपा
देखे जा सकते है।
- मेंगट तने की बाहरी परत
पर पलते है और जड़ों तक को खा सकते है जिससे पौधा मर
जाता है।
- फूल और फल्ली बनने की
अवस्था में आक्रमण करता है।
|
आई.पी. एम. |
- गर्मी में गहरी जुताई
करें।
- प्रतिरोधक किस्में जैसे
जे.एस-335, पी.के. 262, एन.आर.सी. 12, एम.ऐ.सी.एस. 124
को उगायें।
- मानसून के बाद बोनी करना
चाहिए।
- अनुमोदित बीज दर ही
अपनायें।
- अत्याधिक नाईट्रोजन
उर्वरकों का उपयोग न करें।
- मिट्टी में पोटॉश की कमी
पर पोटॉश खाद का उपयोग निश्चित होना चाहिए।
- खरपतवार नियंत्रण करें।
- जैविक नियंत्रण के लिए
मकड़ी, छिपकली, मकोड़े, चिड्डे, आदि का बचाव करना चाहिए।
- सोयाबीन को
अन्तर्रवत्तिय फसलें जैसे जल्दी पकने वाली अरहर या
मक्का या ज्वार 4:2 के अनुपात में लगाए।
- रसायनिक नियंत्रण हेतू
खंड देखे।
- फसल चक्र अपनाइये।
|
नियंत्रण
|
- रसायनिक
कीटनाशकों का उपयोग उस समय करना चाहिए जब कीट की संख्या
आर्थिक देहली स्तर को पार कर ले।
निम्नलिखित
में से किसी भी एक कीटनाशक का उपयोग करें-:
- बोनी से पहले कार्बोफूरान 3 जी. को 30 कि.ग्रा / हे की दर से भुरकाव करे।
- आक्सीमीटन मिथाईल 25 प्रतिशत ई.सी. 500 मि.लि. /हे की
दर से 600-800 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।
- अंकुरण
के दो सप्ताह के बाद डाईमेथोएट 30 प्रतिशत ई.सी. 750
मि.लि./हे 600-800 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।
- मोनोक्रोटोफोस 36 एस. एल. 800 मि.लि/हे की दर से
600-800 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।
- 25 ई.सी.
क्वीनालफॉस 1000 मि.ली./हे की दर से छिड़काव करें।
|
|
|
|
कीट |
लेप्रोसिमा इडिकेटा
|
 |
प्रचलित नाम |
पत्ता मोडक ( लीफ फोल्डर ) |
क्षति |
- लार्वा
पहले पत्तियों को खाती है।
- ये
मिसोफाइल को खाते है।
- ये परतों
के अन्दर रहते है।
- संक्रमण
अधिक होने पर दूर से देखने पर खेत जले हुए से प्रतीत
होते हैं।
|
आई.पी.
एम. |
- क्षतिग्रस्त पौधे को उखाड़कर नष्ट करें।
- गर्मी
में गहरी जुताई करें।
- प्रतिरोधक किस्में जैसे एच. आर. एम. एस. ओ. 1564 का
उपयोग करें।
- मानसून
के बाद बोनी करना चाहिए।
- उपयुक्त
बीज दर ही अपनायें।
- अत्याधिक
नाईट्रोजन उर्वरकों का उपयोग न करें।
- पोटॉश
खाद का उपयोग निश्चित होना चाहिए अगर मिट्टी में पोटॉश
की कमी हो तो।
- खरपतवार
नियंत्रण करें।
- जैविक
नियंत्रण के लिए मकड़ी, छिपकली, मकोड़े, चिड्डे, आदि का
बचाव करना चाहिए।
- सोयाबीन
को अन्तर्रवत्तिय फसलें जैसे जल्दी पकने वाली अरहर या
मक्का या ज्वार 4:2 के अनुपात में लगाए।
- रसायनिक
नियंत्रण हेतू खंड देखे।
|
नियंत्रण
|
- रसायनिक
कीटनाशकों का उपयोग उस समय करना चाहिए जब कीट की संख्या
आर्थिक देहली स्तर को पार कर ले।
निम्नलिखित
में से किसी भी एक कीटनाशक का उपयोग करें-:
- बोनी से पहले कार्बोफूरान 3 जी. को 30 कि.ग्रा / हे की दर से भुरकाव करे।
- आक्सीमीटन मिथाईल 25 प्रतिशत ई.सी. 500 मि.लि. /हे की
दर से 600-800 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।
- अंकुरण
के दो सप्ताह के बाद डाईमेथोएट 30 प्रतिशत ई.सी. 750
मि.लि./हे 600-800 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।
- मोनोक्रोटोफोस 36 एस. एल. 800 मि.लि/हे की दर से
600-800 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।
- 25 ई.सी.
क्वीनालफॉस 1000 मि.ली./हे की दर से छिड़काव करें।
|
|
कीट |
डेक्टीस
टेकसान्स टेकसान्स |
 |
प्रचलित नाम |
तनाछेदक |
क्षति |
- इल्ली
ज्यादा क्षति पहुँचाते है।
- सोयाबीन
की शीध पकने वाली किस्में इस कीट से ज्यादा प्रभावित
होती है।
- लार्वा
तने के बीच में सुंरग बना कर तने को खा लेता है।
- पकने की
अवस्था में पौधों को तल से भी काटते है।
|
आई.पी. एम. |
- क्षतिग्रस्त पौधे को उखाड़कर नष्ट करें।
- गर्मी
में गहरी जुताई करें।
- प्रतिरोधक किस्में जैसे एच. आर. एम. एस. ओ. 1564 का
उपयोग करें।
- मानसून
के बाद बोनी करना चाहिए।
- उपयुक्त
बीज दर ही अपनायें।
- अत्याधिक
नाईट्रोजन उर्वरकों का उपयोग न करें।
- पोटॉश
खाद का उपयोग निश्चित होना चाहिए अगर मिट्टी में पोटॉश
की कमी हो तो।
- खरपतवार
नियंत्रण करें।
- जैविक
नियंत्रण के लिए मकड़ी, छिपकली, मकोड़े, चिड्डे, आदि का
बचाव करना चाहिए।
- सोयाबीन
को अन्तर्रवत्तिय फसलें जैसे जल्दी पकने वाली अरहर या
मक्का या ज्वार 4:2 के अनुपात में
लगाए।
- रसायनिक
नियंत्रण हेतू खंड देखे।
|
नियंत्रण |
- रसायनिक
कीटनाशकों का उपयोग उस समय करना चाहिए जब कीट की संख्या
आर्थिक देहली स्तर को पार कर ले।
- निम्नलिखित में से किसी भी एक कीटनाशक को 600-800 लीटर
पानी में उपयोग करें-:
- मोनोक्रोटोफोस 36 एस. एल. 800 मि.लि/हे की दर से
छिड़काव करें।
- क्वीनॉलफोस 25 एम.सी. 1000 मि.लि./हे की दर से छिड़काव
करें।
|
|
|
|
कीट |
स्पोडोपेटरा लिटुरा |
 |
प्रचलित नाम |
तम्बाखू इल्ली |
क्षति |
- इल्ली
अवस्था में अधिक क्षतिदायक है।
- फूल आने
के पहले यह इल्ली आक्रमण करती है।
- तरुणावस्था की इल्लियाँ समूह में पत्तियों के हरे भाग
को खाती है और बड़ी होने पर पूरी पत्तियाँ खाने लगती है
या उन पर बड़े छेद बना देती है।
- खाई हुई
पत्तियाँ सफेद पीले जाल की तरह दिखती है।
|
आई.पी. एम. |
- क्षतिग्रस्त पौधे को उखाड़कर नष्ट करें।
- रसायनिक
नियंत्रण आर्थिक देहलीस्तर 10 लार्वा / मीटर लम्बाई
होने पर ही करें।
- प्रतिरोधक किस्में जैसे जे.एस.90-41,
एच.आइ.एम.एस.ओ.1564 का उपयोग करें।
- गर्मी
में गहरी जुताई करें।
- मानसून
के बाद बोनी करना चाहिए।
- उपयुक्त
बीज दर ही अपनायें।
- अत्याधिक
नाईट्रोजन उर्वरकों का उपयोग न करें।
- पोटॉश
खाद का उपयोग निश्चित होना चाहिए अगर मिट्टी में पोटॉश
की कमी हो तो।
- खरपतवार
नियंत्रण करें।
- जैविक
नियंत्रण के लिए मकड़ी, छिपकली, मकोड़े, चिड्डे, आदि से
बचाव करना चाहिए।
- सोयाबीन
को अन्तर्रवत्तिय फसलें जैसे जल्दी पकने वाली अरहर या
मक्का या ज्वार 4:2 के अनुपात में लगाए।
- रसायनिक
नियंत्रण हेतू खंड़ देखे।
- प्रकाश
और फेरामोन फन्दों का उपयोग करे।
- वनस्पति
नियंत्रण के लिए एन.पी. वायरस 250 एल.ई. 500 मि.लि पानी
के साथ छिड़काव करे।
|
नियंत्रण |
- रसायनिक
कीटनाशकों का उपयोग उस समय करना चाहिए जब कीट की संख्या
आर्थिक देहली स्तर को पार कर ले।
निम्नलिखित
में से किसी भी एक कीटनाशक को 600-800 लीटर पानी में उपयोग
करें-:
- मोनोक्रोटोफोस 36 एस. एल. 800 मि.लि/हे की दर से छिड़काव करें।
- क्वीनॉलफोस
25 एम.सी. 1000 मि.लि./हे की दर से छिड़काव करें।
|
|
|
|
कीट |
एफिड |
 |
प्रचलित नाम |
माहू |
क्षति |
- यह फोटो
माहू कीट का है
- वयस्क
अवस्था में ज्यादा क्षति पहुंचाते है।
- एफिड रस
चूसने वाले कीट है।
- वयस्क ,
तने, पत्ती, और फल्ली का रस चूसकर उपज में कमी कर देते
है।
|
आई.पी. एम. |
- क्षतिग्रस्त पौधे को उखाड़कर नष्ट करें।
- गर्मी
में गहरी जुताई करें।
- बोनी
उचित समय पर करें।
- समय पर
बोनी से कीट का आक्रमण कम होता है।
- प्रतिरोधक किस्में जैसे जे.एस.335,जे.एस. 71-05, जे.एस.
88-66 का उपयोग करें।
- मानसून
के बाद बोनी करना चाहिए।
- उपयुक्त
बीज दर ही अपनायें।
- अत्याधिक
नाईट्रोजन उर्वरकों का उपयोग न करें।
- मिट्टी
में पोटॉश की कमी पर पोटॉश खाद का उपयोग निश्चित होना
चाहिए।
- खरपतवार
नियंत्रण करें।
- जैविक
नियंत्रण के लिए मकड़ी, छिपकली, मकोड़े, चिड्डे, आदि का
बचाव करना चाहिए।
- सोयाबीन
को अन्तर्रवत्तिय फसलें जैसे जल्दी पकने वाली अरहर या
मक्का या ज्वार 4:2 के अनुपात में लगाए।
रसायनिक नियंत्रण हेतू खंड़ देखे।
- प्रकाश
और फेरामोन फन्दों का उपयोग करे।
- बीज
उपचार के लिए 70 डब्लू एस थाईमेथाज़ान 3 ग्राम /कि.ग्रा
की दर से करे।
|
नियंत्रण
|
- रसायनिक
कीटनाशकों का उपयोग उस समय करना चाहिए जब कीट की संख्या
आर्थिक देहली स्तर को पार कर ले।
निम्नलिखित
में से किसी भी एक कीटनाशक को 600-800 लीटर पानी में उपयोग
करें-:
- मोनोक्रोटोफोस 36 एस. एल. 800 मि.लि/हे की दर से
छिड़काव करें।
- क्वीनॉलफोस 25 एम.सी. 1000 मि.लि./हे की दर से छिड़काव
करें।
- अंकुरण
के एक सप्ताह के बाद थाईमेथाज़ान25 डब्लू एस 100 ग्राम/हे
का छिड़काव करे।
|
|
|
|
कीट |
हेलीकोवरपा अरमीजेरा |
 |
प्रचलित नाम |
चने का
फल्ली छेदक कीट |
क्षति |
- यह फोटो
चने की फल्ली छेदक कीट का है।
- इल्ली एवं
लार्वा अवस्था में सबसे ज्यादा क्षति पंहुचाते है।
- सामान्यत:
कीट का आक्रमण अगस्त माह में होता है।
- यह
पत्तियों का भक्षक है।
|
आई.पी. एम. |
- क्षतिग्रस्त पौधे को उखाड़कर नष्ट करें।
- गर्मी
में गहरी जुताई करें।
- प्रतिरोधक किस्में का उपयोग करें।
- मानसून
के बाद बोनी करना चाहिए।
- उपयुक्त
बीज दर ही अपनायें।
- अत्याधिक
नाईट्रोजन उर्वरकों का उपयोग न करें।
- मिट्टी
में पोटॉश की कमी पर पोटॉश खाद का उपयोग निश्चित होना
चाहिए।
- खरपतवार
नियंत्रण करें।
- जैविक
नियंत्रण के लिए मकड़ी, छिपकली, मकोड़े, चिड्डे, आदि का
बचाव करना चाहिए।
- सोयाबीन
को अन्तर्रवत्तिय फसलें जैसे जल्दी पकने वाली अरहर या
मक्का या ज्वार 4:2 के अनुपात में लगाए।
- रसायनिक
नियंत्रण हेतू खंड़ देखे।
- प्रकाश
और फेरामोन फन्दों का उपयोग करें।
|
नियंत्रण |
- रसायनिक कीटनाशकों का
उपयोग उस समय करना चाहिए जब कीट की संख्या आर्थिक देहली
स्तर को पार कर ले।
- फल्ली छेदक कीट के लिए
आर्थिक देहली स्तर 2 लार्वा / मीटर लम्बाई पुष्पावस्था
एवं फल्ली बनने की अवस्था में है।
निम्नलिखित में से किसी
भी एक कीटनाशक को 600-800 लीटर पानी में उपयोग करें-:
- मोनोक्रोटोफोस 36 एस. एल.
800 मि.लि/हे की दर से छिड़काव करें।
- क्वीनॉलफोस 25 एम.सी. 1000
मि.लि./हे की दर से छिड़काव करें।
- यदि कीट का आक्रमण जारी रहे
तो छिड़काव 15-20 के बाद करे।
|
|
|
|
कीट |
चक्रभृंग |
 |
प्रचलित नाम |
ओबरिया,
गर्डल बीटल |
क्षति |
- यह फोटो
चक्र भृंग कीट का है।
- इल्ली एवं
लार्वा अवस्था में ज्यादा क्षति पहुंचाते है।
- प्राय:
कीट का आक्रमण जुलाई के अंतिम सप्ताह से अगस्त के पहले
पखवाड़े में होता है।
- वयस्क
मादा तने या टहनियों पर दो रिंग बनाती है। रिंग में 3
छोटे छेद बनाकर तने के बीच में पीले अंडे देती है। अंडे
से इल्ली निकलने पर वह तने को अंदर से खाती है जिससे
तना व टहनियां मुरझाकर सूख जाती है।
- पौधा भूमि
से 15 से 20 से.मी. उपर टुट जाता है।
|
आई.पी. एम. |
- गर्मी
में गहरी जुताई करें।
- प्रतिरोधक किस्मे जैसे जे.एस. 71 05, पी.के.1162,
जे.एस.335 का उपयोग करें।
- मानसून
के बाद बोनी करना चाहिए।
- उपयुक्त
बीज दर ही अपनायें।
- अत्याधिक
नाईट्रोजन उर्वरकों का उपयोग न करें।
- मिट्टी
में पोटॉश की कमी पर पोटॉश खाद का उपयोग निश्चित होना
चाहिए।
- खरपतवार
नियंत्रण करें।
- जैविक
नियंत्रण के लिए मकड़ी, छिपकली, मकोड़े, चिड्डे, आदि का
बचाव करना चाहिए।
- सोयाबीन
को अन्तर्रवत्तिय फसलें जैसे जल्दी पकने वाली अरहर या
मक्का या ज्वार 4:2 के अनुपात में लगाए।
- खेत एवं
आसपास के क्षेत्र में खरपतवार नियंत्रण करें।
- लाइट
ट्रेप का उपयोग करें।
|
नियंत्रण |
- रसायनिक
कीटनाशकों का उपयोग उस समय करना चाहिए जब कीट की संख्या
आर्थिक देहली स्तर को पार कर ले।
निम्नलिखित में से किसी भी एक कीटनाशक को 600-800 लीटर पानी
में मिलाकर उपयोग करें-:
- मोनोक्रोटोफोस 36 एस. एल. 800 मि.लि/हे की दर से
छिड़काव करें।
- क्वीनॉलफोस 25 एम.सी. 1000 मि.लि./हे की दर से छिड़काव
करें।
|
|
|
|
कीट |
ग्राइलस
डोमेसटीकेटा / होमीयोग्राइलस |
 |
प्रचलित नाम |
काले
झिंगुर |
क्षति |
- यह
फोटो काले झिंगुर का है
- वयस्क
अवस्था में ज्यादा क्षति पहुंचाते है।
- जुलाई
अगस्त में आक्रमण करते है।
- ज्यादातर रात में आक्रमण करते है और दिन में छिप जाते
है।
- काले
वयस्क भृंग बीज पत्रों को खाते है और झिंगुर पौधे को
ऊपर से खाते है।
|
आई.पी. एम.
|
- क्षतिग्रस्त पौधे को उखाड़कर नष्ट करें।
- गर्मी
में गहरी जुताई करें।
- प्रतिरोधक किस्में का उपयोग करें।
- मानसून
के बाद बोनी करना चाहिए।
- उपयुक्त
बीज दर ही अपनायें।
- अत्याधिक
नाईट्रोजन उर्वरकों का उपयोग न करें।
- मिट्टी
में पोटॉश की कमी पर पोटॉश खाद का उपयोग निश्चित होना
चाहिए।
- खरपतवार
नियंत्रण करें।
- जैविक
नियंत्रण के लिए मकड़ी, छिपकली, मकोड़े, चिड्डे, आदि का
बचाव करना चाहिए।
- सोयाबीन
को अन्तर्रवत्तिय फसलें जैसे जल्दी पकने वाली अरहर या
मक्का या ज्वार 4:2 के अनुपात में
लगाए।
|
नियंत्रण
|
- क्षतिग्रस्त पौधे को उखाड़कर नष्ट करें।
- गर्मी
में गहरी जुताई करें।
- प्रतिरोधक किस्में का उपयोग करें।
- मानसून
के बाद बोनी करना चाहिए।
- उपयुक्त
बीज दर ही अपनायें।
- अत्याधिक
नाईट्रोजन उर्वरकों का उपयोग न करें।
- मिट्टी
में पोटॉश की कमी पर पोटॉश खाद का उपयोग निश्चित होना
चाहिए।
- खरपतवार
नियंत्रण करें।
- जैविक
नियंत्रण के लिए मकड़ी, छिपकली, मकोड़े, चिड्डे, आदि का
बचाव करना चाहिए।
- सोयाबीन
को अन्तर्रवत्तिय फसलें जैसे जल्दी पकने वाली अरहर या
मक्का या ज्वार 4:2 के अनुपात में
लगाए।
|
|
|
|
कीट |
हाईलेमया सीलीकरुरा |
 |
प्रचलित नाम |
बीजमेंगट |
क्षति |
- यह फोटो
बीज मेंगट का है।
- मेंगट
अवस्था में सबसे ज्यादा क्षति पंहुचते है।
- यह बीज
और अकुंर पर भोजन के लिए निर्भर रहते है।
- मेंगट
अंकुरित बीजों को खा जाते है और उनकी जड़े भी खा लेते
है।
|
आई.पी. एम. |
- क्षतिग्रस्त पौधे को उखाड़कर नष्ट करें।
- गर्मी
में गहरी जुताई करें।
- प्रतिरोधक किस्में का उपयोग करें।
- मानसून
के बाद बोनी करना चाहिए।
- उपयुक्त
बीज दर ही अपनायें।
- अत्याधिक
नाईट्रोजन उर्वरकों का उपयोग न करें।
- मिट्टी
में पोटॉश की कमी पर पोटॉश खाद का उपयोग निश्चित होना
चाहिए।
- खरपतवार
नियंत्रण करें।
- जैविक
नियंत्रण के लिए मकड़ी, छिपकली, मकोड़े, चिड्डे, आदि का
बचाव करना चाहिए।
- सोयाबीन
को अन्तर्रवत्तिय फसलें जैसे जल्दी पकने वाली अरहर या
मक्का या ज्वार 4:2 के अनुपात में लगाए।
|
नियंत्रण
|
- रसायनिक
कीटनाशकों का उपयोग उस समय करना चाहिए जब कीट की संख्या
आर्थिक देहली स्तर को पार कर ले।
निम्नलिखित में से किसी भी एक कीटनाशक को 600-800 लीटर
पानी में मिलाकर उपयोग करें-:
- यदि फसल
पर आक्रमण हो तो डाईमेथोएट 30 इ.सी. 0.03 प्रतिशत की
दर से पानी में घोल कर
छिड़काव करे।
|
|
|
कीट |
एग्रोटीस इपसलन |
 |
प्रचलित नाम |
कटुआ इल्ली |
क्षति |
- यह फोटो
कटुआ इल्ली का है।
- लार्वा
अवस्था में क्षति ज्यादा पहुंचाते है।
- अक्सर
पौधों को जमीन की सतह से काटकर खाते है।
|
आई.पी.
एम. |
- क्षतिग्रस्त पौधे को उखाड़कर नष्ट करें।
- गर्मी
में गहरी जुताई करें।
- प्रतिरोधक किस्में का उपयोग करें।
- मानसून
के बाद बोनी करना चाहिए।
- उपयुक्त
बीज दर ही अपनायें।
- अत्याधिक
नाईट्रोजन उर्वरकों का उपयोग न करें।
- मिट्टी
में पोटॉश की कमी पर पोटॉश खाद का उपयोग निश्चित होना
चाहिए।
- खरपतवार
नियंत्रण करें।
- जैविक
नियंत्रण के लिए मकड़ी, छिपकली, मकोड़े, चिड्डे, आदि का
बचाव करना चाहिए।
- सोयाबीन
को अन्तर्रवत्तिय फसलें जैसे जल्दी पकने वाली अरहर या
मक्का या ज्वार 4:2 के अनुपात में
लगाए।
|
नियंत्रण |
- रसायनिक
कीटनाशकों का उपयोग उस समय करना चाहिए जब कीट की संख्या
आर्थिक देहली स्तर को पार कर ले।
निम्नलिखित में से किसी भी एक कीटनाशक को 600-800 लीटर
पानी में मिलाकर उपयोग करें-:
- मोनोक्रोटोफोस 36 एस. एल. 800 मि.लि/हे की दर से छिड़काव करें।
- क्वीनॉलफोस
25 एम.सी. 1000 मि.लि./हे की दर से छिड़काव करें।
|
|
|
|
कीट |
सिनोरेन |
 |
प्रचलित नाम |
नीला बीटल |
क्षति |
- यह फोटो
नीले बीटल का है।
- मेगंट
अवस्था में क्षति पहुंचाता है।
- भोजन के
लिए बीज, अकुंरित पौधो पर निर्भर रहता है।
|
आई.पी.
एम. |
- क्षतिग्रस्त पौधे को उखाड़कर नष्ट करें।
- रसायनिक
नियंत्रण आर्थिक देहली स्तर 4 लार्वा / मीटर लम्बाई
होने पर ही करें।
- गर्मी
में गहरी जुताई करें।
- प्रतिरोधक किस्में का उपयोग करें।
- मानसून
के बाद बोनी करना चाहिए।
- उपयुक्त
बीज दर ही अपनायें।
- अत्याधिक
नाईट्रोजन उर्वरकों का उपयोग न करें।
- पोटॉश
खाद का उपयोग निश्चित होना चाहिए।
- खरपतवार
नियंत्रण करें।
- जैविक
नियंत्रण के लिए मकड़ी, छिपकली, मकोड़े, चिड्डे, आदि का
बचाव करना चाहिए।
- सोयाबीन
को अन्तर्रवत्तिय फसलें जैसे जल्दी पकने वाली अरहर या
मक्का या ज्वार 4:2 के अनुपात में
लगाए।
|
नियंत्रण |
- रसायनिक
कीटनाशकों का उपयोग उस समय करना चाहिए जब कीट की संख्या
आर्थिक देहली स्तर को पार कर ले।
निम्नलिखित में से किसी भी एक कीटनाशक को 600-800 लीटर
पानी में मिलाकर उपयोग करें-:
-
मोनोक्रोटोफोस 36 एस. एल. 800 मि.लि/हे की दर से
छिड़काव करें।
- क्वीनॉलफोस
25 एम.सी. 1000 मि.लि./हे की दर से छिड़काव करें।
|
|
|
|
कीट |
डाईक्रेशिया ओरीचेलशिया, क्राईसोडिएकसीस एक्युटा |
 |
प्रचलित नाम |
हरी
अर्धकुड़लाकार इल्ली |
क्षति |
- यह फोटो
हरी अर्ठ्ठकुड़लाकार इल्ली का है।
- लार्वा
अवस्था में ज्यादा क्षति देते है।
- कीट
पत्तियों पर निर्भर रहता है।
- ज्यादा
मात्रा में कीट सारी पत्तियां खा जाता है और सिर्फ तना
रह जाता है।
- फल्ली
लगते समय छेद बनाकर दाना खा लेता है।
|
आई.पी.
एम. |
- क्षतिग्रस्त पौधे को उखाड़कर नष्ट करें।
- रसायनिक
नियंत्रण आर्थिक देहली स्तर 3 लार्वा / मीटर लम्बाई
होने पर ही करें।
- गर्मी
में गहरी जुताई करें।
- प्रतिरोधक किस्में जैसे एन. आर.सी.-7, पूसा 16, पूसा
20, पूसा 24, जे.एस. 80-41, पी.एस. 564, पी. के. 42 का
उपयोग करें।
- मानसून
के बाद बोनी करना चाहिए।
- उपयुक्त
बीज दर ही अपनायें।
- अत्याधिक
नाईट्रोजन उर्वरकों का उपयोग न करें।
- पोटॉश
खाद का उपयोग निश्चित होना चाहिए।
- खरपतवार
नियंत्रण करें।
- जैविक
नियंत्रण के लिए मकड़ी, छिपकली, मकोड़े, चिड्डे, आदि का
बचाव करना चाहिए।
- सोयाबीन
को अन्तर्रवत्तिय फसलें जैसे जल्दी पकने वाली अरहर या
मक्का या ज्वार 4:2 के अनुपात में
लगाए।
|
नियंत्रण |
- रसायनिक
कीटनाशकों का उपयोग उस समय करना चाहिए जब कीट की संख्या
आर्थिक देहली स्तर को पार कर ले।
निम्नलिखित में से किसी भी एक कीटनाशक को 600-800 लीटर
पानी में मिलाकर उपयोग करें-:
-
मोनोक्रोटोफोस 36 एस. एल. 800 मि.लि/हे की दर से
छिड़काव करें।
- क्वीनॉलफोस
25 एम.सी. 1000 मि.लि./हे की दर से छिड़काव करें।
|
|
|
|
कीट |
मोसीस अनडेटा |
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प्रचलित नाम |
भूरी
अर्धकुड़लाकार इल्ली |
क्षति |
- यह फोटो
भूरी अर्ठ्ठकुड़लाकार इल्ली का है।
- लार्वा
अवस्था में ज्यादा क्षति पहुंचती है।
- यह
सोयाबीन की पत्तियों पर निर्भर रहते है।
- ज्यादा
मात्रा में कीट पौधों की सब पत्तियां खा लेते है और तना
रह जाता है।
|
आई.पी.
एम. |
- क्षतिग्रस्त पौधे को उखाड़कर नष्ट करें।
- रसायनिक
नियंत्रण आर्थिक देहली स्तर 4 लार्वा / मीटर लम्बाई
होने पर ही करें।
- गर्मी
में गहरी जुताई करें।
- प्रतिरोधक किस्में का उपयोग करें।
- मानसून
के बाद बोनी करना चाहिए।
- उपयुक्त
बीज दर ही अपनायें।
- अत्याधिक
नाईट्रोजन उर्वरकों का उपयोग न करें।
- पोटॉश
खाद का उपयोग निश्चित होना चाहिए।
- खरपतवार
नियंत्रण करें।
- जैविक
नियंत्रण के लिए मकड़ी, छिपकली, मकोड़े, चिड्डे, आदि का
बचाव करना चाहिए।
- सोयाबीन
को अन्तर्रवत्तिय फसलें जैसे जल्दी पकने वाली अरहर या
मक्का या ज्वार 4:2 के अनुपात में लगाए।
|
नियंत्रण |
- रसायनिक
कीटनाशकों का उपयोग उस समय करना चाहिए जब कीट की संख्या
आर्थिक देहली स्तर को पार कर ले।
निम्नलिखित में से किसी भी एक कीटनाशक को 600-800 लीटर
पानी में मिलाकर उपयोग करें-:
-
मोनोक्रोटोफोस 36 एस. एल. 800 मि.लि/हे की दर से
छिड़काव करें।
- क्वीनॉलफोस 25 एम.सी. 1000 मि.लि./हे की दर से छिड़काव
करें।
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कीट |
स्पोडॉपटेरा इज़ीगुआ |
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प्रचलित नाम |
अलसीइल्ली |
क्षति |
- यह फोटो
अलसी इल्ली की है।
- लार्वा
अवस्था में ज्यादा क्षति होती है।
- सर्वप्रथम आक्रमण जुलाई में देखा जा सकता है।
- कीट पत्ती
भोजी है।
- तरुण
लार्वा प्रारंभिक अवस्था में नई बंद पत्तियों को खाता
है।
- बड़े होने
पर पूरी पत्तियां खा जाते है।
- लार्वा
जाल सा बुन लेता है जिससे पत्तियां आपस में चिपक जाती
है।
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आई.पी.
एम. |
- क्षतिग्रस्त पौधे को उखाड़कर नष्ट करें।
- गर्मी
में गहरी जुताई करें।
- प्रतिरोधक किस्में का उपयोग करें।
- मानसून
के बाद बोनी करना चाहिए।
- उपयुक्त
बीज दर ही अपनायें।
- अत्याधिक
नाईट्रोजन उर्वरकों का उपयोग न करें।
- पोटॉश
खाद का उपयोग निश्चित होना चाहिए।
- खरपतवार
नियंत्रण करें।
- जैविक
नियंत्रण के लिए मकड़ी, छिपकली, मकोड़े, चिड्डे, आदि का
बचाव करना चाहिए।
- सोयाबीन
को अन्तर्रवत्तिय फसलें जैसे जल्दी पकने वाली अरहर या
मक्का या ज्वार 4:2 के अनुपात में लगाए।
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नियंत्रण |
- रसायनिक
कीटनाशकों का उपयोग उस समय करना चाहिए जब कीट की संख्या
आर्थिक देहली स्तर को पार कर ले।
निम्नलिखित में से किसी भी एक कीटनाशक को 600-800 लीटर
पानी में मिलाकर उपयोग करें-:
- मोनोक्रोटोफोस 36 एस. एल. 800 मि.लि/हे की दर से
छिड़काव करें।
- क्वीनॉलफोस 25 एम.सी. 1000 मि.लि./हे की दर से छिड़काव
करें।
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कीट |
स्पोलोसोमा
ओलीक्वा |
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प्रचलित नाम |
रोयेदार
इल्लियां या कम्बल कीट |
क्षति |
- यह फोटो
बिहार की रोयेदार इल्ली का है ।
- लार्वा
अवस्था में ज्यादा क्षति पहुंचाती है।
- कीट
पत्तियों पर भोजन के लिए निर्भर रहता है।
- अगस्त के
अंतिम सप्ताह में कीट आक्रमण करता है।
- तरुण
लार्वा पत्ती के हरे भाग को खा लेता है जिससे पत्ती
भूरी पीली दिखने लगती है।
- कीट
पत्तियों को कोने से खाता है।
- पत्ती
जाल की तरह दिखती है।
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आई.पी.
एम. |
- क्षतिग्रस्त पौधे को उखाड़कर नष्ट करें।
- रसायनिक
नियंत्रण आर्थिक देहली स्तर 5 वयस्क / मीटर लम्बाई होने
पर ही करें।
- गर्मी
में गहरी जुताई करें।
- प्रतिरोधक किस्में का उपयोग करें।
- मानसून
के बाद बोनी करना चाहिए।
- उपयुक्त
बीज दर ही अपनायें।
- अत्याधिक
नाईट्रोजन उर्वरकों का उपयोग न करें।
- पोटॉश
खाद का उपयोग निश्चित होना चाहिए।
- खरपतवार
नियंत्रण करें।
- जैविक
नियंत्रण के लिए मकड़ी, छिपकली, मकोड़े, चिड्डे, आदि का
बचाव करना चाहिए।
- सोयाबीन
को अन्तर्रवत्तिय फसलें जैसे जल्दी पकने वाली अरहर या
मक्का या ज्वार 4:2 के अनुपात में लगाए।
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नियंत्रण |
- रसायनिक
कीटनाशकों का उपयोग उस समय करना चाहिए जब कीट की संख्या
आर्थिक देहली स्तर को पार कर ले।
निम्नलिखित में से किसी भी एक कीटनाशक को 600-800 लीटर
पानी में मिलाकर उपयोग करें-:
-
मोनोक्रोटोफोस 36 एस. एल. 800 मि.लि/हे की दर से
छिड़काव करें।
- क्वीनॉलफोस 25 एम.सी. 1000 मि.लि./हे की दर से छिड़काव
करें।
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कीट |
एमसेक्टा मूराई |
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प्रचलित नाम |
लाल
रोयेदार इल्ली |
क्षति |
- यह फोटो
लाल रोयेदार इल्ली का है।
- लार्वा
अवस्था में ज्यादा क्षति पहुंचाती है।
- कीट
पत्तियों पर निर्भर रहता है।
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आई.पी.
एम. |
- क्षतिग्रस्त पौधे को उखाड़कर नष्ट करें।
- गर्मी
में गहरी जुताई करें।
- प्रतिरोधक किस्में का उपयोग करें।
- मानसून
के बाद बोनी करना चाहिए।
- उपयुक्त
बीज दर ही अपनायें।
- अत्याधिक
नाईट्रोजन उर्वरकों का उपयोग न करें।
- पोटॉश
खाद का उपयोग निश्चित होना चाहिए।
- खरपतवार
नियंत्रण करें।
- जैविक
नियंत्रण के लिए मकड़ी, छिपकली, मकोड़े, चिड्डे, आदि का
बचाव करना चाहिए।
- सोयाबीन
को अन्तर्रवत्तिय फसलें जैसे जल्दी पकने वाली अरहर या
मक्का या ज्वार 4:2 के अनुपात में लगाए।
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नियंत्रण |
- रसायनिक
कीटनाशकों का उपयोग उस समय करना चाहिए जब कीट की संख्या
आर्थिक देहली स्तर को पार कर ले।
निम्नलिखित में से किसी भी एक कीटनाशक को 600-800 लीटर
पानी में मिलाकर उपयोग करें-:
- मोनोक्रोटोफोस 36 एस. एल. 800 मि.लि/हे की दर से छिड़काव करें।
- क्वीनॉलफोस
25 एम.सी. 1000 मि.लि./हे की दर से छिड़काव करें।
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कीट |
बरमरशिया टेबाकी |
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प्रचलित नाम |
सफेद मक्खी |
क्षति |
- यह फोटो
सफेद मक्खी का है।
- यह
बहुभोजी कीट है।
- प्रौढ़
अवस्था में ज्यादा क्षति पहुंचाती है।
- ये
पत्तियों की कोशिकाओं का रस चूसते है।
- पत्तियां
पीली पड़ जाती है।
- ये
मोजाइक रोग को फैलाते है।
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आई.पी.
एम. |
- क्षतिग्रस्त पौधे को उखाड़कर नष्ट करें।
- गर्मी
में गहरी जुताई करें।
- प्रतिरोधक किस्में का उपयोग करें।
- मानसून
के बाद बोनी करना चाहिए।
- उपयुक्त
बीज दर ही अपनायें।
- अत्याधिक
नाईट्रोजन उर्वरकों का उपयोग न करें।
- पोटॉश
खाद का उपयोग निश्चित होना चाहिए।
- खरपतवार
नियंत्रण करें।
- जैविक
नियंत्रण के लिए मकड़ी, छिपकली, मकोड़े, चिड्डे, आदि का
बचाव करना चाहिए।
- सोयाबीन
को अन्तर्रवत्तिय फसलें जैसे जल्दी पकने वाली अरहर या
मक्का या ज्वार 4:2 के अनुपात में लगाए।
|
नियंत्रण |
- रसायनिक
कीटनाशकों का उपयोग उस समय करना चाहिए जब कीट की संख्या
आर्थिक देहली स्तर को पार कर ले।
निम्नलिखित में से किसी भी एक कीटनाशक को 600-800 लीटर
पानी में मिलाकर उपयोग करें-:
- मोनोक्रोटोफोस 36
एस. एल. 800 मि.लि/हे की दर से छिड़काव करें।
- क्वीनॉलफोस
25 एम.सी. 1000 मि.लि./हे की दर से छिड़काव करें।
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कीट |
इमपोस्का इन्डीकस |
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प्रचलित नाम |
हरा
मच्छर |
क्षति |
- यह फोटो
हरे मच्छर का है।
- पत्तियों
की निचली सतह से रस चूसते है।
- अधिक
आक्रमण पर पत्तियां सूख जाती है और गिर जाती है जिससे
पौधा पत्ती रहित हो जाता है।
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आई.पी.
एम. |
- क्षतिग्रस्त पौधे को उखाड़कर नष्ट करें।
- गर्मी
में गहरी जुताई करें।
- प्रतिरोधक किस्में का उपयोग करें।
- मानसून
के बाद बोनी करना चाहिए।
- उपयुक्त
बीज दर ही अपनायें।
- अत्याधिक
नाईट्रोजन उर्वरकों का उपयोग न करें।
- पोटॉश
खाद का उपयोग निश्चित होना चाहिए।
- खरपतवार
नियंत्रण करें।
- जैविक
नियंत्रण के लिए मकड़ी, छिपकली, मकोड़े, चिड्डे, आदि का
बचाव करना चाहिए।
- सोयाबीन
को अन्तर्रवत्तिय फसलें जैसे जल्दी पकने वाली अरहर या
मक्का या ज्वार 4:2 के अनुपात में लगाए।
|
नियंत्रण |
- रसायनिक
कीटनाशकों का उपयोग उस समय करना चाहिए जब कीट की संख्या
आर्थिक देहली स्तर को पार कर ले।
निम्नलिखित में से किसी भी एक कीटनाशक को 600-800 लीटर
पानी में मिलाकर उपयोग करें-:
- मोनोक्रोटोफोस 36 एस. एल. 800 मि.लि/हे की दर से
छिड़काव करें।
- क्वीनॉलफोस 25 एम.सी. 1000 मि.लि./हे की दर से छिड़काव
करें।
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कीट |
केलिओथिप्स इन्डीकस |
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प्रचलित नाम |
थिप्स |
क्षति |
- यह फोटो
थिप्स का है।
- यह
बहुभोजी है।
- वयस्क
अवस्था में ज्यादा क्षति पहुंचाती है।
- यह
अत्याधिक रस चूसने वाला कीट है।
- संक्रमित
पौधा सफेद भूरा हो जाता है। पत्ती सूख जाती है। और सारी
पत्तियां गिर जाती है।
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आई.पी.
एम. |
- क्षतिग्रस्त पौधे को उखाड़कर नष्ट करें।
- गर्मी
में गहरी जुताई करें।
- प्रतिरोधक किस्में का उपयोग करें।
- मानसून
के बाद बोनी करना चाहिए।
- उपयुक्त
बीज दर ही अपनायें।
- अत्याधिक
नाईट्रोजन उर्वरकों का उपयोग न करें।
- पोटॉश
खाद का उपयोग निश्चित होना चाहिए।
- खरपतवार
नियंत्रण करें।
- जैविक
नियंत्रण के लिए मकड़ी, छिपकली, मकोड़े, चिड्डे, आदि का
बचाव करना चाहिए।
- सोयाबीन
को अन्तर्रवत्तिय फसलें जैसे जल्दी पकने वाली अरहर या
मक्का या ज्वार 4:2 के अनुपात में लगाए।
|
नियंत्रण |
- रसायनिक
कीटनाशकों का उपयोग उस समय करना चाहिए जब कीट की संख्या
आर्थिक देहली स्तर को पार कर ले।
निम्नलिखित में से किसी भी एक कीटनाशक को 600-800 लीटर
पानी में मिलाकर उपयोग करें-:
- मोनोक्रोटोफोस 36
एस. एल. 800 मि.लि/हे की दर से छिड़काव करें।
- क्वीनॉलफोस
25 एम.सी. 1000 मि.लि./हे की दर से छिड़काव करें।
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कीट |
नेजेरा विरीडुला |
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प्रचलित नाम |
हरा गंधी
बग |
क्षति |
- यह फोटो
हरी गंधी बग का है।
- यह
बहुभोजी है।
- ये फल्ली
का रस चूसते है।
- दाने
सिकुड़ जाते है।
- प्रभावित
भाग सड़कर भूरा या काला हो जाता है।
- यह
अत्याघिक रस चूसने वाला कीट है।
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आई.पी.
एम. |
- क्षतिग्रस्त पौधे को उखाड़कर नष्ट करें।
- रसायनिक
नियंत्रण आर्थिक देहली स्तर 1 बग / मीटर लम्बाई होने
पर ही करें।
- गर्मी
में गहरी जुताई करें।
- प्रतिरोधक किस्में का उपयोग करें।
- मानसून
के बाद बोनी करना चाहिए।
- उपयुक्त
बीज दर ही अपनायें।
- अत्याधिक
नाईट्रोजन उर्वरकों का उपयोग न करें।
- पोटॉश
खाद का उपयोग निश्चित होना चाहिए।
- खरपतवार
नियंत्रण करें।
- जैविक
नियंत्रण के लिए मकड़ी, छिपकली, मकोड़े, चिड्डे, आदि का
बचाव करना चाहिए।
- सोयाबीन
को अन्तर्रवत्तिय फसलें जैसे जल्दी पकने वाली अरहर या
मक्का या ज्वार 4:2 के अनुपात में लगाए।
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नियंत्रण |
- रसायनिक
कीटनाशकों का उपयोग उस समय करना चाहिए जब कीट की संख्या
आर्थिक देहली स्तर को पार कर ले।
निम्नलिखित में से किसी भी एक कीटनाशक को 600-800 लीटर
पानी में मिलाकर उपयोग करें-:
- मोनोक्रोटोफोस 36 एस. एल. 800 मि.लि/हे की दर से छिड़काव करें।
- क्वीनॉलफोस
25 एम.सी. 1000 मि.लि./हे की दर से छिड़काव करें।
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