रबी फसल - चना
आई. पी. एम
निम्नलिखित रोगों के लिए दी गई प्रतिरोधक जातियों का उपयोग करें।
एस्फोकाइटा ब्लाइट -
गौरव, एफ.-8,सी.-235,जी.-543,एच.-75-35,जी.जी.-668, जी.एन.जी.-146, बी.जी.-261,सी.जी.-558।
उकटा -
जे.जी.-315 नं 10, एस.-26,जी.-24,सी.-214, बी.जी.-244,पूसा-212 और अवरोधी
जड़ के रोग -
आई.सी.सी.-32, जी.एल.-769
- खेत से पौधे के अवशेष अलग कर दें।
- रोग मुक्त बीजों का उपयोग करें।
- गहरी जुताई करनी चाहिए।
- गेहूँ, अलसी,जौ, सरसों की अन्तरवर्तीय फसल चने के साथ ले।
- अत्याधिक सिंचाई करने से बचे।
- अत्याधिक नत्रजन का उपयोग न करे।
- रोग प्रभावित खेतों में फसल चक्र अपनाए।
- रोग रहित सीड बेड का उपयोग करें।
- खाद व उर्वरक का सतुंलित मात्रा में उपयोग करें।
चने के लिए एकीकीकृत कीट प्रंबधन:-
- गर्मी में गहरी जुताई करें।
- खेत में हेलीकोवरपा के लिए साप्ताहिक निरीक्षण करें।
- प्रकाश और फेरामोन ट्रेपृ का ( 5 से 7 टे्रप/हे-ज्ञतनजप क्मअ 010अमय का उपयोग करें।
- समय पर बोनी करें।
- गेहूँ या अलसी के साथ अन्तरवर्तीय फसल लें।
- कतार से कतार की दूरी 30 से.मी. रखें।
- अंग्रजी के टी अक्षर के आकार के लेडी बर्ड बीटल, क्राईसोपा, स्टीन्क बग का संरक्षण करें।
- 1.5 लाख टाईकोग्रेमा चिलोनिस एक सप्ताह के अन्तराल पर चार सप्ताह तक खेत में छोड़े।
- 5 प्रतिशत नीम बीजों का रस 1 प्रतिशत साबून के घोल के साथ मिलाकर छिड़काव करने से लाभ मिलता है।