आई. पी. एम - रबी फसल - गेहू
खरपतवार निंयत्रण के लिए 1 कि.ग्रा. आइसोप्रोटॉन प्रति हेक्टेयर का बुवाई के 30-35 बाद छिड़काव करें।
कीट निंयत्रण के लिए :-
- प्रमाणित बीजों का उपयोग करें।
- प्रतिरोधक जातियों का उपयोग करें।
- खेत के कीड़ों इत्यादि की समस्या लगातार होने पर गेहूँ के बदले चना, सरसों या अन्य फसल जिन पर कीड़ों का प्रकोप न होता हो तीन साल तक उगाना चाहिए।
- बोनी देर से न करें।
- सूर्य किरणों से संपर्क के लिए गहरी जुताईर् मई जून के माह में करें जिससे निमाटोड व कीड़ों के अन्डे और लार्वा मर जाए।
- प्रमाणित बीज उपलब्ध न होने पर खराब बीजों के अलग करने के लिए 2 प्रतिशत लवण युक्त पानी में बीज डालें। छिलके तैर जाते है और उन्हें हटाकर बीजों को अच्छे पानी से धोकर सूखा ले फिर बुवाई करें।
- समय समय पर खेत का निरीक्षण करें और अगर कीडों इत्यादि का आक्रमण दिखे तो नियंत्रण उपाय करें।
रोग निंयत्रण के लिए
- प्रमाणित बीजों का उपयोग करें।
- प्रतिरोधक जातियों का उपयोग करें।
- बोनी देर से न करें।
- खेत की अच्छी तरह साफ सफाई करें।
- गर्मी के महीनों में बीजों को ठन्डे पानी में भिगोकर 8 से 12 बजे दिन के धूप में रखे और दोपहर बाद सुखाए।
- यदि पौधे रोग से ग्रस्त हो तो उन्हें उखाड़ कर फेंक दें।
- बोनी के पहले बीजों को फंफूदनाशक से उपचारित करे।
- खेत में दीमक समस्या के नियंत्रण के लिए 4 मि.ली. क्लारोपायरीफॉस प्रति कि.ग्रा. बीज से उपचारित करें।
- अकुंरण के समय दीमक का प्रकोप हो तो 175 ग्राम ए.आई इन्डोसलफान मिट्टी में मिलाकर छिड़काव करें।
चूहे का नियंत्रण
- खेत के आसपास के बिलों को तोड़ दीजिए।
- चूहादानी का उपयोग करें।
- जिंक फास्फाइड दवा:आटा :तेल की गोलियां बनाकर उपचारित कर खेत में बिल के आसपास डाल दें।